Power of Meditation and its benefits

अपने कार्यों पर खुद की एक दृष्टि:एक नया अनुभव

1. CA में चौथी बार फ़ैल एक विद्यार्थी को पूछा:
बोलो, अब क्या करना है?
जवाब मिला: मेरा दिमाग काम नहीं कर रहा है कि मुझे करना क्या है!

2. तीन काम एक साथ हों :
A. बिज़नेस में बड़ा आर्डर आया हो, माल डिस्पैच करना हो,
B. घर में बच्चे या पिता बीमार होने के कारण हॉस्पिटल भर्ती हों और
C. इनकम-टैक्स में केस भी स्क्रूटिनी में चल रहा हो, उसकी तारीख हो…..
तो आदमी यही कहता है : मेरा दिमाग काम नहीं कर रहा है!

 

3. दो धंधे आजमाने के बाद तीसरा  धंधा शुरू किया हो और शुरू होने के तुरंत बाद अटक गया हो….तो भी आदमी यही कहता है : मेरा दिमाग काम नहीं कर रहा है!

4. खूब सोच समझकर कुछ शेयर्स लिए हों और लेने के एक ही महीने में पचास प्रतिशत की कमी का झटका लगा हो….तो भी आदमी यही कहता है : मेरा दिमाग काम नहीं कर रहा है!

5. घर में भाईओं से खटपट हो, दस करोड़ की प्रॉपर्टी के मैटर्स किसी भी तरह सुलझ ना रहे हों…तो भी आदमी यही कहता है : मेरा दिमाग काम नहीं कर रहा है!
(अकेला नहीं, सभी भाई यही कहते हैं…”सगे भाई जो हैं, इसलिए भी सभी का अनुभव एक सा है 🙂 ).

 

ऊपर के पांचों दृष्टान्तों (एक्साम्पल्स) में  परिस्थिति, किये हुवे कार्य या लिए गए निर्णयों  पर एक दृष्टि डाले:

1. CA में एडमिशन “सोच-समझकर”  लिया था या आजकल सभी कॉमर्स स्टूडेंट्स CA कर रहे हैं, इसलिए लिया था!
2. यदि ऐसी स्थिति है तो क्या आपके “मित्र” या “रिश्तेदार” नहीं हैं क्या!
(आप खुद भी कभी किसी की मदद करने के लिए गए हैं क्या).
3. जब तक “मन” में “चिंता” है, तब तक “धंधा” कभी “अच्छा” नहीं होता, इतनी सरल बात है.
4. “शेयर्स” से नफा लेने का “चांस” लिया था या इसे “बिज़नेस” के रूप में लिया था?
5. प्रॉपर्टी का बंटवारा मात्र 10-20 लाख के लिए अटका हो तो तो समझ लेना चाहिए कि सभी कहने के लिए “भाई” हैं, उन्हें “प्रेम” तो “पैसे” से है.

 

ये सभी समस्याएं आम हैं.

ज्यादातर समस्याएं तो आदमी “चलाकर” मोल लेता है.
ऊपर के केस नंबर 1, 3 और 4 इसी केटेगरी में आते हैं.

केस नंबर 5 तो समस्या है ही नहीं, सभी ने “मिलकर” “खड़ी” की है. (Joint Family Efforts)! 😀

केस नंबर दो सभी को विकट लग रहा होगा, परन्तु है नहीं. जरा पढ़ें:

1. व्यक्ति “धंधा” बड़ा करने वाला है.
2. बड़ी हॉस्पिटल में “संभालने वाले” आदमी को “ज्यादा” कुछ करने का नहीं होता.
3. इनकम-टैक्स के केस की हियरिंग का adjournment लिया जा सकता है.
हॉस्पिटल में सहायता के लिए मित्रों को  बुला लें ( वो खुद ही आ पहुंचेंगे यदि आप खुद कभी ऐसे काम में पहुंचे हैं).

 

विशेष: कुछ “कमजोर” परिस्थिति वाले मित्र भी रखें, “संकट” के समय ये बड़े काम आते हैं. आप उन्हें कुछ सहायता करते रहें. जीवन में ख़ास मित्र मात्र 5 हों तो जीवन मजे से गुजरता  है.

हर समस्या एक “नया अनुभव” देने आती है, बस इतना समझ लें.
और हां…ऐसी समस्या का सामना करने के लिए  मन मजबूत चाहिए.
उसके लिए “मंत्र-गर्भित स्तोत्र” श्री लघु शांति पढ़े.
(दिन में सिर्फ एक बार).
रोज लघु शांति पढ़ने वाले को “वास्तव” में कोई “बाधा” आती ही नहीं है, भले ही  “दिखने” में वो “बाधा” दिख रही हो. 

(लघु शांति के बारे में jainmantras.com में पोस्ट पहले ही पब्लिश हो चुकी है).

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