सवेरे प्रतिक्रमण के समय

बोली जाने वाली सज्झाय

“भरहेसर बाहुबली

अभयकुमारो अ ढंढण कुमारो”

इस सज्झाय में १०० उत्कृष्ट आत्माओं का वर्णन है.

सज्झाय का मतलब स्वध्याय है.

इसे मात्र बोलना नहीं है,

इन आत्माओं के बारे में चिंतन करना है.

 

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